माता जी के चरणों में प्रणाम,
भगवान का करिश्मा तो देखिए माता जी ने मुझे 10th व 11th में पढ़ाया है। उस समय मम्मी जी Sr. Sec. Sch. Kullu में अध्यापिका थी और जब मेरे पतिदेव जी ने जे० वी०टी० ट्रैनिंग की तो उस समय मम्मी जी जे०वी०टी० ट्रेनिंग स्कूल सुलतानपूर कुल्लू में थीं। ट्रेनिंग के दौरान मेरे पतिदेव को पढ़ाया है। जब भी मम्मी जी क्लास रूम में आती तो एक सौम्य सी मू्र्त लगती थी कभी गुस्सा नहीं, न ही कभी डांट-ढपट दी में ३१-०३-१९९३ को मन्दिर से जुड़ी हूं एक दिन मेरी बेटी ने कहा मम्मी जी मन्दिर बाले मम्मी जी आपके स्कूल के फोटो में हैं तो मैंने कहा कि दिखा कहां है फोटो मुझे बड़ी हैरानी सी हुई तो फोटो देखती हूं कि मम्मी जी मेरे 11th कलास के फोटो में प्रिंसीपल रैना जी के साथ बैठी हैं। मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई और एक कौपी फोटो की मम्मी जी को भी दे दी। जनवरी २००६ द्वारिका यात्रा को जब हम मुम्बई airport पर पहुंचे तो मन्दिर के भक्त मुम्बई निवासी किशोर जोशी अपनी गाड़ी लेकर मांजी को लेने आये और गोरेगांव अपने फ्लैट में सभी भक्तों को ठहराया और बहुत सेवा की उन्हौंने वहां सत्संग करवाया उस समय सभी परिवार जनों की आंखों में अश्रुधारा बहने लगी मानो उन्होंने मांजी में ही मां भगवती के दर्शन पाए हो। अभी ०१-०४-२००६ में हरिद्वार कुम्भ की यात्रा की उसमें आरमी फोरस के आफिसर अपने स्टाफ के साथ मिलने आई और मिलकर बहुत प्रसन्न हुई। दूसरे दिन जब स्नान करने जाना था तो आगे पीछे आरमी की गाड़ीया और बीच में हमारी गाड़ियां, कुछ अद्दभुत दृश्य था जैसे ही हम गाड़ी से उतरे तो दो महिला कमांडो ने मम्मी को दोनों और से हाथ पकड़ कर चली और हरकी पौड़ी पर स्नान कराया मम्मी जी हमारे स्कूल के गुरू भी हैं और अध्यात्मिक गुरू भी हैं। मम्मी जी का आशिर्वाद सदा सदा हमारे साथ रहे।
हिरा देवी
सेवानिवृत सुपरिन्टैन्डैन्ट(स्वास्थ्य बिभाग)
पत्नी श्री राम किशोर सेवानिवृत C.H.T. शिक्षा बिभाग
देवधार